Best Panchatantra Story in Hindi with Moral |पंचतंत्र की संपूर्ण प्रसिद्ध कहानियाँ
"पंचतंत्र की दुनिया में आपका स्वागत है! इस ब्लॉग पर हर पंचतंत्र की कहानी हिंदी में (Panchatantra story in Hindi) सरल और मनोरंजक रूप में प्रस्तुत की गई है। आइए, जानवरों की इन प्रसिद्ध कथाओं के माध्यम से बुद्धिमानी और नैतिक शिक्षा का अनमोल पाठ सीखें।"- बच्चों को मनोरंजन के साथ नैतिक मूल्य सिखाए जाएं।
- कहानियों को सरल और सुंदर भाषा में प्रस्तुत किया जाए।
- बड़े भी इन कालातीत कथाओं से अपनी जड़ों से जुड़ सकें।
- आइए, बुद्धि और विवेक की इस यात्रा में हमारे साथ शामिल हों।"
पंचतंत्र की कहानियाँ सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, बल्कि जीवन के गहरे सत्य और मूल्य भी सिखाती हैं। सरल भाषा और रोचक प्रसंगों के कारण ये कहानियाँ बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिए प्रेरणादायक रही हैं। इस ब्लॉग में हम आपको प्रस्तुत कर रहे हैं लोकप्रिय Panchatantra story in Hindi, जो समझदारी, मित्रता और नैतिकता जैसी सीखों से भरपूर है।
Let us start the story journey with Top-5 Panchatantra story in hindi.
Panchatantra story in hindi-पंचतंत्र की 5-प्रसिद्ध कहानियां-
- पंचतंत्र की पांच प्रसिद्ध कहानियाँ
#2.कौवा और साँप
#3.शेर और चालाक सियार
#4.बंदर और मगरमच्छ
#5.चार मित्रों की कहानी (कौवा, कछुआ, हिरण और चूहा)
1.Panchatantra story in hindi-सिंह और चूहा
कहानी:
एक समय की बात है, जंगल में एक सिंह गहरी नींद में सो रहा था। तभी एक छोटा चूहा वहाँ खेलते-खेलते आ गया और गलती से सिंह के ऊपर चढ़ गया। सिंह गुस्से में उठ बैठा और उसने चूहे को पकड़ लिया। चूहा डर गया और बोला:
“महाराज, कृपया मुझे छोड़ दीजिए। मैं छोटा हूँ, पर कभी न कभी आपके काम आ सकता हूँ।”
सिंह को यह मज़ाकिया लगा, लेकिन वह दयालु था। उसने चूहे को छोड़ दिया।
कुछ समय बाद, सिंह एक शिकारी के जाल में फँस गया और ज़ोर-ज़ोर से दहाड़ने लगा। वही चूहा वहाँ आया और बोला:
“आपकी मदद का समय आ गया है, महाराज!”
चूहे ने अपने तेज़ दाँतों से जाल काट डाला और सिंह को आज़ाद कर दिया। सिंह बहुत खुश हुआ और चूहे का धन्यवाद किया।
नैतिक शिक्षा:
“कभी किसी को छोटा या कमजोर मत समझो। हर किसी का अपना महत्त्व होता है।”
2.Panchatantra story in hindi-कौवा और साँप
कहानी:
एक पेड़ पर एक कौवा और उसकी पत्नी रहते थे। उसी पेड़ के नीचे एक साँप रहता था। जब भी कौवे के बच्चे होते, साँप बिल से निकल कर उन्हें खा जाता।
कौवे और उसकी पत्नी बहुत दुखी थे। एक दिन उन्होंने साँप से बदला लेने की योजना बनाई।
कौवा उड़कर रानी के महल गया और रानी का कीमती हार चुरा लाया। वह हार उड़ाकर साँप के बिल के पास गिरा दिया।
जब महल के रक्षक हार की खोज में वहाँ पहुँचे, तो उन्होंने हार के साथ साँप को भी देख लिया। उन्होंने साँप को मार डाला और हार वापस ले गए।
अब कौवा और उसकी पत्नी चैन से अपने बच्चों के साथ रहने लगे।
नैतिक शिक्षा:
“बुद्धि और योजना से बड़े से बड़ा दुश्मन भी हराया जा सकता है।”
3.Panchatantra story in hindi-शेर और चालाक सियार
कहानी:
किसी जंगल में एक बलवान सिंह रहता था। वह हर दिन एक जानवर को मारकर खा जाता था। जंगल के सभी जानवर डर के मारे परेशान हो गए। उन्होंने सिंह से विनती की:
“महाराज, हम रोज़ाना आपके खाने के लिए एक जानवर खुद भेज देंगे। कृपया बाकी जानवरों को न मारें।”
सिंह मान गया।
एक दिन एक चालाक सियार की बारी आई। वह जान-बूझकर देर से पहुँचा। सिंह गुस्से से दहाड़ा: “तू इतनी देर से क्यों आया?”
सियार ने कहा:
“महाराज, मैं तो समय पर आ रहा था, लेकिन रास्ते में मुझे एक और सिंह मिला। उसने कहा कि वह असली राजा है और मुझे खा जाएगा।”
सिंह यह सुनकर और गुस्सा हो गया। उसने कहा: “मुझे वहाँ ले चलो! मैं देखता हूँ कौन है वो नकली राजा।”
सियार उसे एक कुएँ के पास ले गया और कहा: “महाराज, वह इसी कुएँ में है।”
सिंह ने कुएँ में झाँका। उसे पानी में अपनी ही परछाईं दिखी, और वह समझा कि दूसरा सिंह है। गुस्से में वह उस पर कूद पड़ा और डूबकर मर गया।
नैतिक शिक्षा:
“चतुराई से बलवान को भी मात दी जा सकती है।”
4.Panchatantra story in hindi-बंदर और मगरमच्छ
कहानी:
एक नदी के किनारे एक जामुन का पेड़ था, जिस पर एक बंदर रहता था। वह हर दिन मीठे-मीठे जामुन खाता और बहुत खुश रहता।
एक दिन एक मगरमच्छ वहाँ आया। वह भूखा था। बंदर ने उसे कुछ जामुन दिए। मगरमच्छ को जामुन बहुत स्वादिष्ट लगे। वह रोज़ आने लगा, और दोनों में दोस्ती हो गई।
एक दिन मगरमच्छ ने अपने घर जाकर अपनी पत्नी को जामुन खिलाए। पत्नी को जामुन बहुत पसंद आए, लेकिन वह लालची हो गई। उसने कहा:
“अगर जामुन इतने मीठे हैं, तो उस बंदर का दिल कितना मीठा होगा! मुझे उसका दिल चाहिए।”
मगरमच्छ मजबूरी में दोस्ती भूल गया और बंदर को अपने घर चलने का झांसा देने लगा। बंदर को नदी पार करवाते समय मगरमच्छ ने सच बता दिया।
बंदर घबरा गया, लेकिन तुरंत चतुराई से बोला:
“तुम पहले क्यों नहीं बोले? मैंने दिल तो पेड़ पर रख छोड़ा है! चलो वापस चलो, मैं ले आता हूँ।”
मगरमच्छ जैसे ही उसे वापस पेड़ के पास लाया, बंदर फुर्ती से ऊपर चढ़ गया और बोला:
“दोस्ती में विश्वास होता है, धोखा नहीं! जाओ, अब कभी लौट कर मत आना।”
नैतिक शिक्षा:
“समझदारी और होशियारी से किसी भी मुश्किल से निकला जा सकता है।”
5.Panchatantra story in hindi-चार मित्रों की कहानी (कौवा, कछुआ, हिरण और चूहा)
कहानी:
बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में चार अच्छे मित्र रहते थे —
- कौवा
- कछुआ
- चूहा
- हिरण
चारों रोज़ मिलते, बातें करते और एक-दूसरे का हालचाल जानते। उनका गहरा प्रेम था।
एक दिन हिरण नहीं आया। बाकी तीनों चिंतित हो गए और उसे खोजने निकले। उन्होंने देखा कि हिरण एक शिकारी के जाल में फँसा हुआ था।
कौवा उड़कर आसमान से निगरानी रखने लगा।
कछुआ धीरे-धीरे पास आ रहा था।
चूहा जल्दी-से दौड़ा और अपने तेज़ दाँतों से जाल काट डाला।
हिरण आज़ाद हो गया और दौड़कर झाड़ियों में छिप गया।
इतने में शिकारी आ गया। उसने देखा कि हिरण गायब है। उसने गुस्से में पास के कछुए को देख लिया और उसे पकड़ लिया।
अब बारी थी दोस्तों के असली इम्तिहान की। हिरण और कौवा ने मिलकर योजना बनाई। हिरण ने शिकारी के सामने झूठ-मूठ गिरकर "मरा हुआ" दिखावा किया। शिकारी जैसे ही हिरण को उठाने दौड़ा, कौवे ने उसकी आँखों पर वार किया और हिरण भाग गया।
इस बीच चूहा फिर आया और चुपचाप कछुए की रस्सी काट दी। कछुआ भी धीरे-धीरे सरककर जंगल में चला गया।
इस तरह चारों मित्र एक-दूसरे की मदद से बच निकले।
- कौवा
- कछुआ
- चूहा
- हिरण
कछुआ धीरे-धीरे पास आ रहा था।
चूहा जल्दी-से दौड़ा और अपने तेज़ दाँतों से जाल काट डाला।
हिरण आज़ाद हो गया और दौड़कर झाड़ियों में छिप गया।