कछुआ और खरगोश
कहानी:
एक बार जंगल में एक तेज दौड़ने वाला खरगोश था जो हमेशा धीरे चलने वाले कछुए का मज़ाक उड़ाता था।
एक दिन कछुए ने खरगोश को चुनौती दे दी – "आओ, हम दौड़ लगाते हैं।"
खरगोश हँस पड़ा और बोला, "तुम मुझसे जीत नहीं सकते!" लेकिन वह मान गया।
दौड़ शुरू हुई। खरगोश बहुत तेजी से भागा और काफ़ी आगे निकल गया। उसे लगा कि कछुआ अभी बहुत पीछे है, तो वह एक पेड़ के नीचे सो गया।
इस बीच कछुआ धीरे-धीरे लेकिन लगातार चलता रहा… और अंत में फ़िनिश लाइन पार कर गया।
जब खरगोश जागा, तो वह हैरान रह गया – कछुआ जीत चुका था।
नैतिक शिक्षा:
"लगातार मेहनत और धैर्य से ही सफलता मिलती है।"