सुनहरी हंस
कहानी:
एक बार एक गरीब और बूढ़ी महिला के पास एक हंस था, जो रोज़ एक सुनहरा अंडा देता था।
वह महिला बहुत खुश थी और उसे बेचकर अपनी ज़रूरतें पूरी करती थी।
एक दिन वह लालच में आ गई और सोची – "अगर मैं इसका पेट काट दूँ, तो सारे अंडे एक साथ मिल जाएंगे।"
उसने हंस को मार डाला, लेकिन उसके पेट में एक भी सुनहरा अंडा नहीं था।
अब वह बहुत पछताई, लेकिन कुछ नहीं कर सकती थी। उसका लालच सब कुछ खत्म कर चुका था।
नैतिक शिक्षा:
"लालच का फल हमेशा विनाश होता है।"
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