किसान और उसका आलसी बेटा की कहानी

 किसान और उसका आलसी बेटा



कहानी:
एक गांव में एक बुजुर्ग किसान अपने बेटे के साथ रहता था। किसान बहुत मेहनती था, लेकिन उसका बेटा बहुत आलसी और कामचोर था। वह न खेतों में काम करता था, न ही किसी जिम्मेदारी को निभाता था। किसान बहुत चिंतित था कि उसके बाद बेटा कैसे जीवन बिताएगा।

एक दिन किसान बीमार पड़ा। उसने अपने बेटे को बुलाकर कहा –
“बेटा, मैंने खेत में एक खजाना गाड़ रखा है। अगर तुम खेत की खुदाई करोगे, तो वह खजाना तुम्हें मिलेगा।”

बेटे की आँखों में लालच आ गया। अगले दिन से वह खेत में कड़ी मेहनत से खुदाई करने लगा। दिन-रात मेहनत करने के बाद भी उसे खजाना नहीं मिला। लेकिन खेत अच्छी तरह से जुत चुका था।

कुछ हफ्तों बाद जब बारिश हुई, तो खेत में भरपूर फसल उगी। बेटे को तब समझ आया कि असली खजाना तो कड़ी मेहनत और समय पर काम करने में था।

 नैतिक शिक्षा:
"मेहनत का फल ही सच्चा खजाना है।"
जो लोग आलसी होते हैं, उन्हें जीवन में कभी सफलता नहीं मिलती।

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